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कोरोना से बचाव के उपाय

कोविड-19 की दवा बनाने के लिए वैज्ञानिक व शोधकर्ता लगातार अपने प्रयास कर रहे हैं । स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

इसके अनुसार हाथों को साबुन से धोना चाहिए।

अल्‍कोहल आधारित हैंड रब का इस्‍तेमाल भी किया जा सकता है।

खांसते और छीकते समय नाक और मुंह रूमाल या टिश्‍यू पेपर से ढंककर रखें।

जिन व्‍यक्तियों में कोल्‍ड और फ्लू के लक्षण हों, उनसे दूरी बनाकर रखें।

अंडे और मांस के सेवन से बचें।

जंगली जानवरों के संपर्क में आने से बचें।

अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं जिसके लिए पौष्टिक आहार व योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

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भारत में कोरोना की शुरुआत :-

भारत में सबसे पहले कोरोना वायरस से संक्रमण का मामला 30 जनवरी 2020 को दक्षिण भारत के केरल में सामने आया था । वायरस से संक्रमण का पहला शिकार 20 साल की युवती थी । दरअसल, वह युवती 25 जनवरी 2020 को चीन के वुहान शहर से लौटी थी । वुहान ही वह शहर है जहां से इस खतरनाक वायरस की शुरूआत मानी जाती है. भारत में कोरोना वायरस संक्रमण से पहली मौत 12 मार्च, 2020 को हुई थी । कोविड 19 के कारण भारत में पहली मौत कर्नाटक के कलबुर्गी में हुई थी । 76 साल के ये व्यक्ति सऊदी अरब से भारत वापिस लौटे थे । सऊदी अरब से लौटने के बाद उन्हें सांस लेने में परेशानी, खांसी और निमोनिया की शिकायत हुई थी।

भारत में कोरोना की वैक्सीन : कब आयी

वैक्सीन का ट्रायल बहुत समय से चल रहा था । यह कहा जा रहा था की 15 अगस्त 2020 तक वैक्सीन आ जाएगी । कभी बताया गया की नवंबर 2020 में वैक्सीन आ जाएगी । स्वास्थ्य मंत्री ने भी कहा था की संभावना जताई थी की 2021 तक वैक्सीन आ जाएगी । जो की सच हुआ, सभी 3 फेज ट्रायल खत्म होने के बाद जनवरी में वैक्सीन की घोषणा कर दी गई । 8 जनवरी 2021 को ड्राय रन भी किया गया । और Z + सिक्योरिटी के साथ देश के महानगरों में पहुंचाई गई । अब 16 जनवरी 2021 को टीकाकारण का काम शुरू हो गया । भारत में दो प्रकार की वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविड शील्ड है ।

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कोरोना : एक परिचय

कोरोना : यह एक वायरस के द्वारा होने वाली बीमारी हैं । इनके संक्रमण से फ्लू जैसा लक्षण देखने को मिलता है जैसे नाक का बहना, खांसी, गले में दर्द और बुखार। संक्रमण में स्थिति और खराब हो सकती है और संक्रमित व्यक्ति न्यूमोनिया जैसी स्थिति में भी पहुंच सकता है। कोरोनावायरस का नाम ‘कोरोना’ से लिया गया है। कोरोना का लैटिन में मतलब क्राउन या ताज होता है। कोरोनावायरस की सतह पर कांटे जैसी आकृति होती है जो देखने में ताज जैसी लगती है। इसी वजह से इसे कोरोना नाम दिया गया। कोरोना वायरस से संक्रमित बीमारी का नाम COVID-19 है। इसका पूरा नाम है CoronaVirus Diseases। चूंकि यह बीमारी 2019 में फैली, इसलिए पूरा नाम Coronavirus diseases 2019 हुआ। Corona का CO, virus का VI और diseases का D मिलाकर COVID-19 नाम कर दिया गया। COVID-19 उस महामारी का नाम है जो SARS-CoV2 वायरस से होती है। कोरोना वायरस के लक्षण एक मामूली ज़ुखाम से लेकर ज़्यादा गंभीर रोगों कि वजह हो सकती है जैसे कि मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (Middle East Respiratory Syndrome: MERS-CoV) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (Severe Acute Respiratory Syndrome: SARS-CoV) | कोरोना वायरस ज़ूनोटिक (zoonotic) है जिसका अर्थ है पशुजन्य रोग | यह वायरस से इंसान और जानवर दोनों भुगत सकते है | यह वायरस को अभी “SARS-CoV-2” का नाम रखा गया है और इसकि वजह से आने वाली बीमारी को “Corona Disease 2019” जिसका सक्षिप्त नाम “COVID-19” है | WHO के मुताबिक, CO का मतलब (Corona) कोरोना, VI का मतलब (Virus) वाइरस, D का मतलब (Disease) बीमारी और 19 का मतलब (2019) वर्ष से है, जिस साल में इस बीमारी की खोज हुई। सबसे पहले दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस के संक्रमण से लोग के बीमार होने की रिपोर्टें आनी शुरू हुईं थी। इसलिए वर्ष 2019 में खोजे गए कोरोना वायरस डिसीज को संक्षेप में कोविड-19 (COVID-19) नाम दिया गया है। इस वायरस के बारे में सबसे पहले चीन के वुहान प्रांत में पता चला था । 23 जनवरी को, चीन कि गवर्नमेंट अधिकारियो ने बाकी देश और दुनिया से वुहान का संपर्क ख़तम कर दिया और वहा से आने जाने वाले सभी ट्रांसपोर्ट को बंद करवा दिया गया | जापान, साउथ कोरिया, थाईलैंड, ताइवान, यूनाइटेड स्टेट्स कि देशों में यह वायरस का प्रवेश और संक्रमण जनवरी 2020 की 20 तारीख के बाद हो गया था |

कोरोना के लक्षण

तेज बुखार आनाः अगर किसी व्यक्ति को सुखी खांसी के साथ तेज बुखार है तो उसे एक बार जरूर जांच करानी चाहिए. यदि आपका तापमान 99.0 और 99.5 डिग्री फारेनहाइट है तो उसे बुखार नहीं मानेंगे. अगर तापमान 100 डिग्री फ़ारेनहाइट (37.7 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंचता है तभी यह चिंता का विषय है.

सांस लेने में समस्याः कोरोना वायरस से संक्रमित होने के 5 दिनों के अंदर व्यक्ति को सांस लेने में समस्या हो सकती है. सांस लेने की समस्या दरअसल फेफड़ो में फैलते कफ के कारण होती है |

कफ और सूखी खांसीः कोरोना वायरस कफ होता है मगर संक्रमित व्यक्ति को सुखी खांसी आती है

सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमीः कोरोना से संक्रमित लोगों को सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी आती है.

गले में खराश : कोरोना के प्रारंभिक लक्षणों में गले में खराश होना एक महत्पूर्ण लक्षण हैं

तेज़ सर दर्द : कोरोना से पीड़ित व्यक्ति तेज सर दर्द की शिकायत करता है ।