0

काला फफूंद (Black fungus) या म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis)

काला फफूंद (Black fungus) या म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis) एक दुर्लभ और घातक फ़ंगस संक्रमण, जिसे म्यूकोर्मिकोसिस या ब्लैक फ़ंगस कहा जाता है। भारत में यह कोविड-19 से संक्रमित रोगियों को संक्रमित कर रही है। 9 मई 2021 को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसन्धान परिषद (ICMR) और केन्द्रीय स्वास्थ्य मन्त्रालय ने ब्लैक फ़ंगस की जाँच, निदान और प्रबन्धन के लिए एडवाइजरी जारी की है।

ब्लैक फंगस के लक्षण

चेहरे के एक तरफ सूजन
सरदर्द, आंखों में लालपन
नाक या साइनस में जमाव,
नाक में या मुँह के ऊपरी हिस्से में काले घाव का जल्दी से गम्भीर रूप लेना।
बुखार आना
खाँसी
छाती में दर्द
साँस लेने में कठिनाई
पेट में दर्द
मतली और उल्टी

ब्लैक फंगस की रोकथाम

इस बीमारी का पता लगाकर जितनी जल्दी इलाज शुरू किया जाए उतना ही सही है. इसके रोकथाम के लिए तीन चीजें बहुत महत्वपूर्ण है

1. खून में शुगर की मात्रा ( Blood Sugar Level) अधिक बढ़ने नहीं दें, जो लोग डायबिटिक हैं उन्हें अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखने के अधिक से अधिक प्रयास करने चाहिए

2. स्टेरॉयड का नियंत्रण ( Steroid Control) कोशिश यही रहे कि स्टेरॉयड को नियंत्रित रूप से ही उपयोग में लें

3. स्टेरॉयड गाइडलाइन की पालना- जरूरत पड़े तो ही स्टेरॉयड दें. रोग के तेजी से फैलने और उच्च मृत्यु दर के कारण एम्फोटेरिसिन बी थेरेपी तुरन्त दिया जाना चाहिए।

4. Amphotericin b आमतौर पर संक्रमण के उन्मूलन को सुनिश्चित करने के लिए प्रारम्भिक चिकित्सा शुरू होने के बाद अतिरिक्त 4-6 सप्ताह के लिए प्रशासित किया जाता है। Isavuconazole को हाल ही में invasive aspergillosis और इनवेसिव म्यूकोर्मिकोसिस के इलाज के लिए FDA द्वारा अनुमोदित किया गया था। पुन: उभरने के किसी भी लक्षण के लिए रोग की सावधानीपूर्वक निगरानी की जानी चाहिए। यह रोग अक्सर आँखों, नाक, त्वचा और फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह कवक रोग अत्यधिक खतरनाक होता है, खासकर यदि यह मस्तिष्क में फैल जाए, तो रोगी की मृत्यु हो जाती है। यदि यह आँख को प्रभावित करता है, तो आँख को हटाना ही मस्तिष्क में आगे फैलने से रोकने का एकमात्र उपाय है। शल्य चिकित्सा ( Surgery) बहुत कठोर हो सकती है, और कुछ मामलों में नाक गुहा और मस्तिष्क से जुड़ी बीमारी के मामलों में, हटाने संक्रमित मस्तिष्क ऊतक की आवश्यकता हो सकती है। कुछ मामलों में सर्जरी विकृत हो सकती है क्योंकि इसमें तालू, नाक गुहा, या आँखों की संरचना को हटाना शामिल हो सकता है। सर्जरी को एक से अधिक ऑपरेशन तक बढ़ाया जा सकता है। यह अनुमान लगाया गया है कि हाइपरबेरिक ऑक्सीजन एक सहायक चिकित्सा के रूप में फायदेमन्द हो सकता है क्योंकि उच्च ऑक्सीजन दबाव कवक को मारने के लिए न्यूट्रोफिल की क्षमता को बढ़ाता है।

1

स्वास्थ्य पर विचार : श्री मनीष कुमार शर्मा (ARM- Ujala Credit)

उजाला क्रेडिट को-आपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक श्री मनीष कुमार शर्मा शर्मा से खास मुलाकात में जानिए स्वास्थ्य (Health) के बारे में उनके विचार

एक स्वस्थ व्यक्ति ही जीवन में, अपनी एक अच्छी पहचान बना सकता हैं। स्वास्थ्य और तंदरुस्ती, स्वस्थ रहन-सहन और स्वस्थ जीवन-शैली का मिश्रण है। स्वस्थ और तंदरुस्त रहने के लिए व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य का भी स्वस्थ रहना आवश्यक है। हमें शारीरिक रुप से स्वस्थ रहने के लिए नियमित स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए और शारीरिक व्यायाम करना चाहिए हालांकि, हमें मानसिक रुप से स्वस्थ रहने के लिए सकारात्मक सोचने की आवश्यकता होती है। स्वस्थ और तंदरुस्त रहना, हमारे दैनिक कार्यों को पूरा करने में मदद करता है। स्वस्थ्य रहने का अर्थ बीमारी रहित शरीर का ही होना नहीं है, बल्कि तनावमुक्त मन का होना भी है। यदि एक व्यक्ति अस्वस्थ मन रखता है, तो वह अपने शरीर को स्वस्थ नहीं रख सकता है। शरीर और मन दोनों का अच्छा स्वास्थ्य जीवन में सफलता प्राप्त करने और पूरे उत्साह के साथ आनंद करने में मदद करता है। वर्तमान में चल रही बीमारियों से बचने के लिए हमे अपने स्वास्थ्य को अच्छा बनाये रखने की बहुत आवश्यकता है।

स्वास्थ्य और तंदरुस्ती को बनाए रखने के लिए हमें सुबह के घूमने, दौड़ने, जिम (व्यायामशाला) में व्यायाम करने, या अन्य शारीरिक गतिविधियों का शरीर के कार्यकरण को ठीक से कार्य कराने के साथ ही मांसपेशियों में सुधार करने के समय का आनंद लेना चाहिए। हमें पाचन संबंधी विकारों से दूर रहने के लिए, रखे हुए या पैक भोजन के स्थान पर ताजी पके हुए भोजन को करना चाहिए।

हमें अपनी व्यस्त दिनचर्या से कुछ समय निकालकर नियमित रुप से दैनिक शरीरिक व्यायाम में शामिल होना चाहिए। दैनिक आधार पर 30-60 मिनट का व्यायाम या सप्ताह में 5 से 6 बार व्यायाम, किसी भी व्यक्ति के तंदरुस्त रहने के लिए पर्याप्त है। एक व्यक्ति के लिए सही समय पर सही मात्रा में स्वस्थ और स्वच्छ आहार स्वस्थ और तंदरुस्त रहने के लिए बहुत आवश्यक है। स्वस्थ पोषण के साथ उच्च फाइबर, कम वसा, अधिक प्रोटीन और विटामिन व मिनरल (खनिज) के स्रोत अच्छे स्वास्थ्य के नींव है। तंदरुस्त और स्वस्थ रहने के लिए, सोने की अच्छी व्यवस्था किसी भी व्यक्ति के लिए बहुत आवश्यक है। हमें अपनी दैनिक दिनचर्या में अनुशासन बनाए रखने और सोने की सही प्रक्रिया को अपनाने की आवश्यकता है, जो सही समय पर शुरु और खत्म होना चाहिए। हर रात आठ घंटे क नींद लेना हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारता है और हृदय संबंधी रोगों से बचाव करने के साथ ही मानसिक स्थिति को सुधारता है। अपर्याप्त नींद की व्यवस्था नींद से जुड़ी परेशानियों और विभिन्न मानसिक विकारों का नेतृत्व करती है।

0

Story : दान जरूर करें ( Please Donate )

एक बार की बात है। एक बार एक अध्यापक एक संपन्न परिवार के शिष्य के साथ कहीं जा रहे थे। तो उस शिष्य को कुछ मजाक सूझी । उसको रास्ते में किसी गरीब मजदूर के जूते दिखाई दिए। उसने अध्यापक से कहा गुरु जी अगर हम इन जूतों को छुपा दे तो कितना मजा आएगा? देखते हैं कि मजदूर पर इसका क्या असर पड़ता है? अब उसको तो मजाक सूझ रहा था। लेकिन गुरु जी ने कहा। कि नहीं? गरीब इंसान के साथ इस तरह का भद्दा मजाक करना ठीक नहीं है उसने कहा, क्यों ना? हम इन जूतों में कुछ सिक्के डाल दें और देखें कि इसका इस गरीब गरीब मजदूर पर क्या प्रभाव पड़ता है? उन्होंने ऐसा ही किया।

जैसे ही मजदूर अपना काम करके लौटा। और उसने एक पाँव अपने जूते में डाला। तो उसको कुछ कठोर सा महसूस हुआ उसने अंदर हाथ डाला तो उसको कुछ सिक्के दिखाई दिए वह थोड़ा आश्चर्य में पड़ गया आसपास किसी को देखा तो कोई भी दिखाई नहीं दिया। वापस उसने दूसरा पैर अपने जूते में डाला और वापस उसको उसमें कुछ सिक्के दिखाई दिए। अब दोनों जूतों के सिक्कों को उसने अपने हाथों में रखा और प्रभु की तरफ इशारा किया हे प्रभु पता नहीं। किस भले मानुष ने? यह सिक्के मेरे जूतों में छुपाए है लेकिन जिसने भी छुपाए हैं। उसको मेरी दुआ है ताकि इन पैसों से, मैं अपने बच्चों और पत्नी के लिए कुछ खाना और दवाइयां ला सकूं सकूंगा और इतना बोल कर वह चला गया। इस बात को शिष्य और अध्यापक दोनों सुन रहे थे अब अध्यापक ने शिष्य से पूछा कि अब तुम मुझे बताओ कि तुम्हें कैसा महसूस हुआ तुम्हारी पहले वाली मजाक या मेरा यह तरीका तो उसने कहा कि गुरु जी? मैं आपसे क्षमा चाहता हूं। अब मुझे समझ आ गया है कि सच्ची खुशी किस चीज में है जब हम किसी की मजाक उड़ाते हैं तो हमें कुछ पल का आनंद मिलता है लेकिन इससे हमें बद्दुआ मिलती है। लेकिन अगर हम किसी की मुश्किल परिस्थिति में मदद करते हैं और जिसकी भी हम मदद करते हैं उसको भी नहीं पता कि हमने उसकी मदद की है लेकिन अंदर ही अंदर हमें पता है कि हमने उस इंसान की मदद की है।

यही सच्ची खुशी है जब हम दूसरों को खुशी देते हैं तो हमें सच्ची खुशी मिलती है। इसी तरह खुशियां बांटते रहिए लोगों की मदद करते रहिए। और दान करते रहिए जिसके भी आप काबिल हो। जितना भी आप से बन पड़े,दान करे,लेकिन दान जरूर करें।

0

Story : भाग्य से बढ़कर पुरुषार्थ होता है। (Hard work is key to Success)

राजा विक्रमादित्य के पास सामुद्रिक लक्षण जानने वाला एक ज्योतिषी पहुंचा। विक्रमादित्य का हाथ देखकर वह चिंता मग्न हो गया, उसके शास्त्र के अनुसार तो राजा को दीन दुर्बल और कंगाल होना चाहिए था । लेकिन वह तो सम्राट थे, स्वस्थ थे। लक्षणों में ऐसी विपरीत स्थिति संभव है उसने पहली बार देखी थी । ज्योतिषी की दशा देखकर विक्रमादित्य उसकी मनोदशा समझ गए और बोले कि बाहरी लक्षणों से यदि आपको संतुष्टि नहीं मिली हो तो छाती चीर कर दिखाता हूं, भीतर के लक्षण भी देख लीजिए । इस पर ज्योतिषी बोला, नहीं महाराज! मैं समझ गया कि आपने पुरुषार्थी हैं ।आप में पूरी क्षमता है इसलिए आपने परिस्थितियों को अनुकूल बना लिया और भाग्य पर विजय प्राप्त कर ली अब बात मेरी समझ में आ गई है कि कोई भी युग मनुष्य को नहीं बनाता बल्कि मनुष्य ही युग का निर्माण करने की क्षमता अपने आप में रखता है ।
क्योंकि एक पुरुषार्थी मनुष्य के हाथों में ही लकीरों को बदलने का सामर्थ्य होता है । स्थिति एवं दशा मनुष्य का निर्माण नहीं करती, यह तो मनुष्य जो स्थिति का निर्माण करता है एक दास स्वतंत्र व्यक्ति हो सकता है और एक सम्राट दास भी बन सकता है ।

भाग्य से बढ़कर पुरुषार्थ होता है। (Hard work is key to Success)

0

चक्रवात ‘ताउते’ (Cyclone Tauktae)

चक्रवात ‘ताउते’ (Cyclone Tauktae) का असर कुछ राज्यों में देखने को मिल रहा है। मुंबई में भारी बारिश हुई, जिससे कई जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। कई जगह पेड़ उखड़ गए हैं और एयरपोर्ट भी बंद रहा। हालांकि बाद में एयरपोर्ट का संचालन शुरू हो गया। ये गुजरात तट की ओर तेजी के साथ बढ़ रहा है इसको लेकर एजेंसियां बेहद ही अलर्ट मोड में हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार च्रकवात ताउते ‘काफी भीषण चक्रवाती तूफान’ में परिवर्तित हो गया है। महाराष्ट्र में 6 की मौत हुई, जबकि 9 घायल हुए।


भीषण चक्रवाती तूफान सोमवार रात में गुजरात के सौराष्ट्र तट से आ टकराया और इस दौरान हवा 185 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल रही है। इससे पहले चक्रवात के परिणामस्वरूप मुंबई में भारी वर्षा हुई और गुजरात में 2 लाख से अधिक लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा।


मुंबई हवाईअड्डे पर 11 घंटे के निलंबन के बाद उड़ानों का परिचालन रात 10 बजे से शुरू हुआ।

0

Health Tips : गहरी सांसे लेने भर से इम्यूनिटी

गहरी सांसे लेने भर से इम्यूनिटी सुधरती है एवं दर्द कम होता है

  1. धीमी गहरी लंबी सांस लेने से शरीर को detoxify और शांत भाग में लौटने में मदद मिलती है।
  2. गहरी सांस लेने से बेहतर नींद में मदद मिलती है । अगर अनिद्रा की शिकायत है तो सोने से पहले गहरी सांसे ले इससे कार्बन डाइऑक्साइड जो प्राकृतिक विषैला कचरा है जो सांस से बाहर आता है, छोटी सांस के दौरान फेफड़े कम प्रतिक्रिया करते हैं अन्य अंगों को इस कचरे को बाहर निकालने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
  3. गहरी सांस लेने से Immunity मजबूत होती है । गहरी सांस लेने से ताजी ऑक्सीजन मिलती है और विषाक्त पदार्थ और कार्बन डाइऑक्साइड बाहर निकलती है। जब रक्त में ऑक्सीजन मिला होता है तो इससे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अर्थात इम्युनिटी सिस्टम मजबूत होता है एवं शरीर के महत्वपूर्ण अंग ठीक से काम करते हैं।
  4. गहरी सांस लेने से दर्द का एहसास कम होता है । जब आप गहरी सांस लेते हैं तो शरीर में endorphins hormone बनता है यह Good hormone है और शरीर द्वारा बनाया गया एक प्राकृतिक दर्द निवारक हैं ।
  5. गहरी सांस लेने से तनाव कम होता है । गहरी सांस लेने से चिंताजनक विचारों और घबराहट से छुटकारा मिलता है हृदय गति धीमी हो जाती है जिससे शरीर अधिक ऑक्सीजन ले पाता है इससे हार्मोन संतुलित होते हैं । इससे कोर्टिसोल स्तर कम होता है कोर्टिसोल एक Stress Harmone है, कोर्टिसोल का स्तर बहुत अधिक समय तक बढ़ा हुआ रहता है तो यह बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।
  6. गहरी सांस लेने से रक्त प्रवाह ठीक होता है । डायाफ्राम के ऊपर और नीचे होने से रक्त प्रवाह की गति बढ़ती है, इससे विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद मिलती है।

0

Health Tips : गर्म पानी से खांसी में फायदा

गले के पिछले हिस्से में सूजन की वजह से गले में खराश या हल्की खांसी हो जाती है । गले में खराश वायरस के कारण भी होती है जैसे फ्लू या आम सर्दी । यह कुछ दिनों में ठीक भी हो जाती है । गले में संक्रमण बैक्टीरिया के कारण भी होता है इसके लिए डॉक्टर Antibiotic Tablets देते हैं । गले में खराश कोविड-19 का भी लक्षण है, ऐसे में अगर किसी ने को भी टेस्ट कराया है तो रिपोर्ट आने तक वह आइसोलेशन में रहकर गले के लिए उपाय कर सकता है ज्यादातर लोगों में हल्की कोरोना वायरस लक्षण होते हैं इसके लिए कुछ घरेलू उपाय निम्न है-

  1. बहुत पानी पीजिए इससे Dehydration से बचेंगे गला नाम रहेगा।
  2. शहद के साथ गर्म पानी ( गुनगुना )पानी पिये । गरम पानी से स्वास नली गरम रहेगी गले और ऊपरी स्वास्थ्य नली में जमा बलगम भी बाहर आएगा ।
  3. गर्म पानी से स्नान करें, भाप ले, इससे गले की खराश कम होगी सांस लेने में आसानी होगी।
  4. शराब या कॉफी जैसे किसी भी कैफीन युक्त पेय से बचना चाहिए, इससे Dehydration हो सकता है ।
  5. एक कप गर्म पानी में आधा चम्मच नमक डालकर गरारे करें इससे गले के दर्द और इचिंग से राहत मिलेगी । गरारे के दौरान गले के Tissue से वायरस को बाहर निकलने में मदद मिलती है ।

0

Story : कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है, अपना काम स्वयं करना चाहिए।

एक समय की बात है गुरु अपने शिष्यों के साथ कहीं दूर जा रहे थे। रास्ता काफी लंबा था चलते – चलते सभी थक से गए थे। अब उन्हें विश्राम करने की इच्छा हुई , किंतु अगर विश्राम करते तो गंतव्य स्थल पर पहुंचने में अधिक रात हो जाती। इसलिए वह लोग निरंतर चल रहे थे। रास्ते में एक नाला आया जिस को पार करने के लिए लंबी छलांग लगानी थी। सभी लोगों ने लंबी छलांग लगाकर नाले को पार किया। किंतु गुरुजी का कमंडल उस नाले में गिर गया। सभी शिष्य परेशान हुए एक शिष्य गोपाल कमंडल निकालने के लिए सफाई कर्मचारी को ढूंढने चला गया। अन्य शिष्य बैठकर चिंता करने लगे , योजना बनाए लगे आखिर यह कमंडल कैसे निकाला जाए ?

गुरु जी परेशान होने लगे, क्योंकि गुरुजी ने सभी को स्वावलंबन का पाठ पढ़ाया था। उनकी सिख पर कोई भी शिष्य अमल नहीं कर रहा है। अंत तक वास्तव में कोई भी उस कार्य को करने के लिए अग्रसर नहीं हुआ , ऐसा देखकर गुरु जी काफी विचलित हुए। एक शिष्य मदन उठा और उसने नाले में हाथ लगा कर देखा , किंतु कमंडल दिखाई नहीं दिया। क्योंकि वह नाले के तह में जा पहुंचा था तभी मदन ने अपने कपड़े संभालते हुए नाले में उतरा और तुरंत कमंडल लेकर ऊपर आ गया।

गुरु जी ने अपने शिष्य मदन की खूब प्रशंसा की और भरपूर सराहना की उसने तुरंत कार्य को अंजाम दिया और गुरु द्वारा पढ़ाए गए पाठ पर कार्य किया। तभी शिष्य गोपाल जो सफाई कर्मचारी को ढूंढने गया था वह भी आ पहुंचा , उसे अपनी गलती का आभास हो गया था।

कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है , अपना काम स्वयं करना चाहिए।