मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की विभिन्न राजकीय सेवाओं में भर्तियाें की प्रक्रिया समय पर पूरा करने के उद्देश्य से उच्च स्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह कमेटी भर्तियों को निर्बाध तरीके से आरपीएसी और कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से निर्धारित कलेंडर के अनुरूप सम्पन्न कराने पर अनुशंसा देगी। समिति एक माह में रिपोर्ट राज्य सरकार को देगी। मंगलवार शाम को राजकीय सेवाओं में भर्ती की स्थिति पर समीक्षा बैठक को संबाेधित करते हुए सीएम ने ये निर्देश दिए।
यह कमेटी अलग-अलग विभागों के समान प्रकृति वाले पदों के लिए संयुक्त योग्यता भर्ती परीक्षा (कॉमन इलिजिबिलिटी टेस्ट) आयोजित करवाने के लिए सेवा नियमों में आवश्यक संशोधन पर अनुशंसा देगी। साथ ही, कुछ पदों पर भर्ती के लिए साक्षात्कार की उपयोगिता पर भी सुझाव देगी। बैठक में शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, पुलिस, कार्मिक, सार्वजनिक निर्माण, प्रशासनिक सुधार, वन, राजस्व, कृषि एवं देवस्थान आदि विभागों में प्रक्रियाधीन तथा आगामी भर्तियों पर विस्तार से चर्चा की गई।
कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव हेमन्त गेरा ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विभिन्न विभागों में 86 हजार 921 पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी हैं। 7 हजार 838 अन्य पदों पर परीक्षा परिणाम जारी किए जा चुके हैं तथा 2 हजार 358 पदों पर परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद साक्षात्कार किया जाना शेष है। कुल 3 हजार 13 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा परिणाम घोषित किया जाना शेष है।
बड़ी राहत… बिजली कंपनियों की भर्ती के लिए परीक्षा केंद्र राजस्थान में ही होंगे
सीएम ने बिजली कंपनियों में विभिन्न पदों की भर्ती परीक्षाओं के केंद्र सिर्फ राजस्थान में ही रखने के निर्देश दिए हैं। इससे प्रदेश के अभ्यर्थियों को परीक्षा देने दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था।
कोर्ट ने लंबित भर्तियों को निस्तारित कराएं
- गहलोत ने कोर्ट में लंबित भर्ती परीक्षाओं को जल्द निस्तारित कराने के लिए संबंधित विभागों के प्रमुख सचिवों को निर्देश दिए हैं। कहा- राज्य महाधिवक्ता से चर्चा कर विधिक प्रक्रिया पूरी कराएं।
- ईडब्ल्यूएस आरक्षण में आयु सीमा व फीस में छूट संबंधी घोषणा लागू करने के लिए सेवा नियमों में संशोधन की प्रक्रिया 15 अप्रैल तक पूरा करने को कहा।